Saur Sujala Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए स्वच्छ और किफायती ऊर्जा प्रदान करने के उद्देश्य से सौर सुजला योजना शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सोलर पंप प्रदान करना है. जिससे बिजली की समस्या का समाधान हो सके और सिंचाई के लिए किसानों को अधिक सुविधाएं मिल सकें. यह योजना कृषि उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
सौर सुजला योजना का क्रियान्वयन
इस योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (CREDA) द्वारा किया जाता है. हितग्राही (लाभार्थी) का चयन कृषि विभाग के माध्यम से होता है. अब तक इस योजना के तहत 01 लाख से अधिक सोलर पंप स्थापित किए जा चुके हैं. यह योजना छत्तीसगढ़ के उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. जिनके पास बिजली की उचित आपूर्ति नहीं है.
सौर सुजला योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे. इनमें शामिल हैं:
- आधार कार्ड की छायाप्रति
- पते का प्रमाण पत्र
- भूमि का खसरा/रकबा
- कार्य स्थल का नक्शा
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- प्रोसेसिंग शुल्क की रसीद
- 02 पासपोर्ट साइज फोटो
- कृषि भूमि का स्वामित्व और जल स्रोत का प्रमाण (जैसे बोरवेल, कुआं, नदी, नाला आदि).
सौर सुजला योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया
किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
- ऑफलाइन आवेदन: किसान कृषि विभाग या CREDA के कार्यालय में जाकर आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं.
- ऑनलाइन आवेदन: किसान CREDA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
- आवेदन पत्र डाउनलोड करें: वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करें, सभी जानकारी भरें और संबंधित दस्तावेज अपलोड करें.
- जांच और स्वीकृति: आवेदन जमा करने के बाद दस्तावेजों की जांच की जाती है और पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाता है.
सौर सुजला योजना के तहत वितरित सोलर पंपों की क्षमता
योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित क्षमता के सोलर पंप दिए जाते हैं:
- 03 HP सर्फेस और सबमर्सिबल पंप
- 05 HP सर्फेस और सबमर्सिबल पंप
इन पंपों में 5 साल की ऑन-साइट वारंटी और रख-रखाव की सुविधा शामिल है. साथ ही पंप की चोरी या क्षति की स्थिति में 5 वर्षीय बीमा योजना का प्रावधान भी किया गया है.
सौर सुजला योजना के तहत सब्सिडी
सोलर पंपों की स्थापना के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी की दर किसान की श्रेणी के आधार पर अलग-अलग होती है:
पंप की क्षमता/प्रकार | एससी/एसटी लाभार्थी का अंशदान | ओबीसी लाभार्थी का अंशदान | सामान्य वर्ग का अंशदान |
---|---|---|---|
03 HP (सर्फेस/सबमर्सिबल) | ₹7000 | ₹12000 | ₹18000 |
05 HP (सर्फेस/सबमर्सिबल) | ₹10000 | ₹15000 | ₹20000 |
इस योजना के तहत दी गई सब्सिडी किसानों के वित्तीय बोझ को कम करती है और उन्हें सोलर पंप लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है.
सौर सुजला योजना के लाभ
- बिजली की समस्या का समाधान: बिजली की अनुपलब्धता वाले क्षेत्रों में सोलर पंप किसानों के लिए बड़ी राहत हैं.
- सिंचाई में सुविधा: किसानों को सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल साधन से सिंचाई करने का अवसर मिलता है.
- लंबी अवधि की बचत: सोलर पंप बिजली बिल को खत्म करते हैं. जिससे किसानों की लागत कम होती है.
- पर्यावरण के अनुकूल: सोलर पंप प्रदूषण रहित हैं और अक्षय ऊर्जा स्रोत का उपयोग करते हैं.
योजना का प्रभाव
अब तक, सौर सुजला योजना छत्तीसगढ़ के हजारों किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. इससे न केवल किसानों की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है. इस योजना के जरिए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की समस्या को दूर करने में बड़ी सफलता हासिल की है.
योजना के लिए पात्रता
सौर सुजला योजना का लाभ केवल छत्तीसगढ़ राज्य के स्थायी निवासियों को ही दिया जाता है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन किसानों को सहायता देना है. जिनके पास बिजली कनेक्शन नहीं है या जो बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं.