Home Loan को लेकर RBI ने तैयार किए नए नियम, सभी बैंकों को जारी हुई गाइडलाइन RBI Rule For Loan

RBI Rule For Loan: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो. चाहे वह नौकरीपेशा हो या व्यापारी एक अच्छे घर का सपना हर किसी के दिल में बसता है. लेकिन मकान खरीदने या बनाने के लिए अक्सर बड़ी रकम की जरूरत होती है और इसी कमी को पूरा करने के लिए लोग होम लोन का सहारा लेते हैं.

हालांकि अक्सर देखा गया है कि बैंक और वित्तीय संस्थाएं होम लोन पर अतिरिक्त ब्याज वसूलने जैसी मनमानी करती हैं. लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों के हित में नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो इस समस्या को खत्म करेंगी.

होम लोन में बैंकों की मनमानी का खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक के निरीक्षण में यह सामने आया कि कई बैंक ग्राहकों से गलत तरीके से ब्याज वसूल रहे थे. बैंकों का खेल यह था कि वे लोन मंजूरी की तारीख से ही ब्याज की गणना शुरू कर देते थे, जबकि लोन की राशि ग्राहकों के खाते में बाद में पहुंचती थी.
उदाहरण के तौर पर अगर किसी ग्राहक का लोन 1 तारीख को मंजूर हुआ. लेकिन रकम 5 तारीख को खाते में पहुंची. तब भी बैंक 1 तारीख से ब्याज वसूलते थे. इस मनमानी के कारण ग्राहकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था.

नई गाइडलाइंस

आरबीआई ने इस मनमानी पर सख्त रोक लगाते हुए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इसके तहत:

  • ब्याज की गणना: अब बैंक केवल उसी दिन से ब्याज वसूल सकते हैं. जब लोन की राशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर हो.
  • चेक के मामलों में राहत: अगर लोन चेक के जरिए दिया गया है तो ब्याज की गणना उस दिन से होगी. जब ग्राहक का चेक भुनाया गया हो.
  • ऑनलाइन ट्रांसफर को बढ़ावा: आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी है कि वे ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से लोन की राशि दें ताकि किसी प्रकार की देरी न हो.

ग्राहकों को कैसे हो रहा था नुकसान?

आरबीआई ने निरीक्षण में पाया कि ग्राहकों को लोन की राशि मिलने में देरी होती थी. लेकिन ब्याज लोन मंजूरी की तारीख से ही वसूला जाता था.
उदाहरण:

  • अगर किसी ग्राहक को 10 लाख रुपये का लोन मंजूर किया गया और बैंक ने चेक जारी किया.
  • लेकिन ग्राहक को चेक 4-5 दिन बाद मिला और उसने उसे जमा किया.
  • ऐसे में बैंक चेक जारी होने की तारीख से ब्याज वसूलते थे. जबकि ग्राहक ने रकम का उपयोग बाद में किया.

अब आरबीआई की नई गाइडलाइंस से यह समस्या खत्म हो जाएगी और ग्राहक को केवल वास्तविक लोन मिलने की तारीख से ब्याज चुकाना होगा.

प्रोसेसिंग फीस

बैंक होम लोन पर ग्राहकों से प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी पैसा वसूलते हैं. यह फीस लोन की राशि के आधार पर तय होती है. विभिन्न बैंकों की प्रोसेसिंग फीस इस प्रकार है:

बैंक का नामप्रोसेसिंग फीस
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)लोन राशि का 0.35% + GST (2000 रुपये न्यूनतम)
एचडीएफसी बैंक (HDFC)लोन राशि का 1% (7500 रुपये न्यूनतम)
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI)लोन राशि का 0.50% – 2% (3000 रुपये न्यूनतम)
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)लोन राशि का 1% + GST

नई गाइडलाइंस से ग्राहकों को होंगे ये फायदे

आरबीआई की नई गाइडलाइंस ग्राहकों के लिए कई फायदे लेकर आई हैं:

  • अतिरिक्त ब्याज से राहत: अब ग्राहक को केवल उसी दिन से ब्याज देना होगा. जब उन्हें लोन की राशि प्राप्त होगी.
  • बैंकों की मनमानी पर लगाम: बैंकों द्वारा अनावश्यक ब्याज वसूली पर रोक लगेगी.
  • आर्थिक बचत: ब्याज की गलत गणना के कारण ग्राहकों को जो अतिरिक्त पैसा देना पड़ता था अब वह बच सकेगा.
  • तेज और पारदर्शी प्रक्रिया: ऑनलाइन ट्रांसफर से लोन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी.

ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा में आरबीआई की भूमिका

आरबीआई का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करना और वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाना है. समय-समय पर आरबीआई ऐसी गाइडलाइंस जारी करता है. जिससे ग्राहकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके.

होम लोन लेने वालों के लिए सुझाव

अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  • ऑनलाइन ट्रांसफर को प्राथमिकता दें: लोन की राशि ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त करें. ताकि देरी से बचा जा सके.
  • प्रोसेसिंग फीस: लोन लेने से पहले प्रोसेसिंग फीस की तुलना करें.
  • नई गाइडलाइंस का लाभ उठाएं: सुनिश्चित करें कि ब्याज केवल वास्तविक लोन मिलने की तारीख से शुरू हो.
  • बैंक की नीतियों को समझें: लोन से जुड़े सभी नियम और शर्तें पढ़ें.

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